27 अप्रैल भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है जो मुगल साम्राज्य के इतिहास में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस दिन कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं जो मुगल साम्राज्य की रचना और विकास में अहम भूमिका निभाईं। इस दिन की तीन मुख्य घटनाओं का उल्लेख भारतीय इतिहास में अभिव्यक्त किया जाता है, जो मुगल साम्राज्य के स्थापना और विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिए।
1. बाबर का दिल्ली का तख्तोताज संभालना (1526):
27 अप्रैल, 1526 को मुगल साम्राज्य के प्रमुख बाबर ने पानीपत की लड़ाई में जीत हासिल की और दिल्ली का तख्त अपने कब्ज़े में किया। यह घटना मुगल साम्राज्य की शुरुआत के रूप में महत्वपूर्ण है, जिसने भारतीय इतिहास को नई दिशा दी और मुगल साम्राज्य की शक्ति की आधारशिला रखी। बाबर की इस विजय ने भारतीय इतिहास को एक नया अध्याय दिया और मुगल साम्राज्य का नेतृत्व स्थापित किया।
2. शाहजहाँ का ताजमहल की नींव रखना (1632):
27 अप्रैल, 1632 को मुगल साम्राज्य के शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की स्मृति में आग्रहरूप रूप में ताजमहल की नींव रखी। यह ताजमहल दुनिया के आश्चर्य का केंद्र बना, जो आज भी भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का प्रतीक है। इसे शाहजहाँ ने अपनी पत्नी के स्मृति में बनाया था, जिसका नाम आज भी प्रेम और रोमांस का प्रतीक है।
3. औरंगजेब का बादशाह बनना (1658):
27 अप्रैल, 1658 को औरंगजेब ने दिल्ली में मुगल साम्राज्य का बादशाह बनने का शपथग्रहण किया। वह अपने पिता शाहजहाँ के विरोधी और उनके तंत्रों का उपयोग करके ताजमहल में अपनी जेल में राजसी महानायक के रूप में शासन किया। औरंगजेब का शासनकाल मुगल साम्राज्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें धर्म और राजनीति के मामले पर विवाद और संघर्ष था।
27 अप्रैल का मुगल साम्राज्य के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है, जो इस साम्राज्य की उच्चतम क्षितिज को दर्शाता है। इस दिन की घटनाएं भारतीय इतिहास के रूप में अद्वितीय हैं, जो मुगल साम्राज्य के सांस्कृतिक, राजनीतिक, और सामाजिक विकास को प्रकट करती हैं।