Patwa Toli village of Manpur: बिहार के मानपुर में स्थित पटवा टोली गांव एक ऐसा मिसाल है जो पूरे देश के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गया है। यहां के बुनकरों ने एक नई परंपरा की स्थापना की है, जहां दहेज को मान्यता देना एक पाप माना जाता है। बिहार के गया जिले के मानपुर में स्थित पटवा टोली को बिहार का मैनचेस्टर कहा जाता है। यहां आपको हर घर में एक या दो इंजीनियर आसानी से मिल जाते हैं। इसके अलावा यह गांव बुनकरों के गांव के नाम से भी जाना जाता है। जहां हर घर में बुनकर मशीन द्वारा कपड़ा बनाया जाता है।
लेकिन आज हम आपको बिहार के इस अनोखे गांव के बारे में कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आपका मन खुश हो जाएगा। जी हां, जहां लोग बिहार को आज भी एक पिछड़ा राज्य मानते हैं। वहां बिहार के गया जिले का यह छोटा सा गांव पूरे देश के लिए एक मिसाल के रूप में खड़ा है। जहां दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति को लोगों ने पीछे छोड़कर पूरे देश को आइना दिखा दिया है।
पटवा टोली गांव में दहेज को लेकर शादी को मान्यता देना गंभीरता से लिया जाता है। यहां की समाजिक संरचना में दहेज को लेकर कोई रस्म नहीं है। इस गांव में समाज ने इसे एक लोकतांत्रिक और समान भावना का प्रतीक बनाया है।
आपको बता दें बिहार के छोटे से गांव में आज के टाइम में पूरी तरह से दहेज मुक्त शादी की जाती है। चाहे अमीर हो या गरीब, 12000 की आबादी वाले इस गांव में बिना एक भी पैसा लिए शादी करवाई जाती है।