कैमूर पहाड़ी की तराई में बसे गांवों में खिसकने लगा जलस्तर
पीएचईडी ने शुरू कराई चापाकलों की मरम्मती
प्रखंड क्षेत्र में पीएचईडी द्वारा कुल लगाए गए हैं 586 चापाकल
अबतक बंद पड़े 105 चापाकलों की पीएचईडी ने कराई मरम्मती
अभी भी दर्जनों चापाकलों की मरम्मती की है जरूरत.
टैंकर के सहारे पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों में पेयजल संकट से निपटने की है तैयारी
जेई ने कहा – जन शिकायत मिलते ही तुरंत कराई जाती है चापाकलों की मरम्मती का कार्य
प्रखंड क्षेत्र के कैमूर पहाड़ी की तराई में बसे दर्जनों गांव में जैसे-जैसे तपिश बढ़ते जा रही है वैसे-वैसे जलस्तर खिसक रहा है और लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है. गौरतलब है कि तिलौथू प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत कैमूर पहाड़ी की तराई में दर्जनों गांव ऐसे हैं जिनका गर्मी के दिनों में जलस्तर खिसक जाता है और उन गांवों में पेयजल की संकट गहरा जाती है . प्रखंड के निमियाडीह , राजी रामडीहरा, मिर्जापुर, कैथी, चंदनपुरा , सोनपुरा , रेड़िया , भींसडा, बरवाडीह, सुपासराय, रामडीहरा, रूपहंथा, चितौली इत्यादि. यह सभी गांव एकदम कैमूर पहाड़ी की तलहटी में बसे हुए गांव हैं और बढ़ती तपिश में इन गांवों में जलस्तर के खिसकने से लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या गहरा जाती है. ऐसे में पीएचईडी कई गांव में हाथी मुंडा चापाकल भी लगाया है। कभी-कभी यह चापाकल भी टंग जाते हैं. जिस कारण पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस परिस्थिति में पहाड़ की तराई में बसे गांव के लोगों को मैदानी क्षेत्र में आकर पीने के लिए पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है ।
अभी से प्रखंड क्षेत्र के बरवाडीह, सुपासराय , रेडिया, चंदनपुरा , भदोखरा , निमियाडीह की तराई वाले क्षेत्र में जलस्तर खिसकने लगा है. लोगों के चापाकलों से व मोटर पंप बहुत ही कम मात्रा में पानी दे रहा है जबकि अभी गर्मी की शुरुआत हुई है. ऐसे में पेयजल की समस्या लोगों के समक्ष उत्पन्न हो सकती है. पीएचईडी द्वारा कई जगह चापाकल लगाए तो गए हैं लेकिन कई चापाकल मरम्मती के अभाव में अभी भी इसी तरह बेकार पड़े है. कैमूर पहाड़ी की तराई वाले गांव में कुआं भी अब जवाब देने लगे हैं .बरवाडीह , कैथी, निमियाडीह गांव में कुआं का पानी सूख गया है. पीएचईडी के द्वारा तिलौथू प्रखंड क्षेत्र में कुल 586 चापाकलों को लगाया गया है जबकि इनमें से 105 चापाकल की मरम्मती भी कराई गई है. फिलहाल तिलौथू के मध्य विद्यालय सरैया, मध्य विद्यालय केरपा, हाई स्कूल भदोखरा, मध्य विद्यालय बडिहा (सेवही), काली मंदिर चोरकप व मध्य विद्यालय चंदनपुरा में लगे चापाकल जो मरम्मती के अभाव में बंद पड़े थे उन्हें पीएचईडी ने तत्काल अभी उसकी मरम्मती कराई है लेकिन अभी भी कई चापाकल ऐसे ही बंद पड़े हैं. इस संबंध में पीएचईडी के जेई रिंकू राज का कहना है कि अपने प्रखंड क्षेत्र में पीएचईडी के द्वारा कुल 586 चापाकलों को लगाया गया है जिनमें कैमूर पहाड़ी की तराई वाले सभी गांव में लगभग चापाकल लगाए गए हैं और जन शिकायत पर बंद पड़े चापाकलों में 105 चापाकलों की तत्काल मरम्मती कराई गई है. मेरे जानकारी में अभी लगभग 8 से 10 चापाकल और है जिनकी मरम्मती कराई जा रही है. जैसे-जैसे लोगों की शिकायत जहां से मिलती है तुरंत चापाकलों की मरम्मती कराई जाती है. अभी भी कैमूर पहाड़ी की तराई में कई गांव में चापाकल मरम्मती का कार्य चल रहा है. अगर जिस गांव में पेयजल संकट की समस्या आएगी उसके लिए पीएचईडी द्वारा टैंकर को तैनात किया गया है. उस गांव में तुरंत टैंकर से पेयजल की सुविधा मुहैया कराई जाएगी . इसके लिए पीएचईडी तत्पर है. आगामी चुनाव के मद्देनजर भी पहाड़ी क्षेत्र के गांव एवं आवश्यक जगह पर चापाकलों को लगाया गया है. पेयजल की समस्या उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी.