पृथ्वी दिवस के अवसर पर छात्र-छात्राओं का एकदिवसीय मोटिवेशनल सिविल का आयोजन किया गया।
बिहार के ‘ट्री मैन’ ने 10,000 से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया
राजू मार्कोनी: बिहार में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक उदाहरण
पेड़-पौधों के प्रेमी ‘ट्री मैन’ का बड़ा कार्य
बिहार के इस पेड़-प्रेमी का संघर्ष और सफलता की कहानी
ट्री मैन: पेड़-पौधों के सच्चे संरक्षक की गरिमा
रोहतास : पृथ्वी दिवस के अवसर पर तिलौथू न्यू एरिया में स्थित आप कॉन्सेप्ट कोचिंग सेंटर और बिहार सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है कौशल युवा प्रोग्राम के केंद्र पर छात्र-छात्राओं को पेड़-पौधा और पृथ्वी संरक्षण हेतु एक दिवसीय राजू मार्कोनी के नेतृत्व में मोटिवेशनल शिवर का आयोजन किया गया। इसी अवसर पर माता सावित्रीबाई लाइब्रेरी के भी छात्र-छात्रा इस कार्यक्रम में शामिल हुए। वह छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीँ ओम प्रकाश और सोनू कुमार शिक्षकों ने भी पृथ्वी दिवस के महत्व के बारे में बताया । बिहार के रोहतास के रहने वाले राजू मार्कोनी ‘ट्री मैन’ के नाम से जाने जाते हैं। ट्री मैन इनका नाम ऐसे ही नहीं पड़ा, बाल्कि इसके इनकी 14 साल की मेहनत छिपी है। ‘ट्री मैन ऑफ बिहार’ अब तक 10,000 से ज्यादा वृक्ष लगा कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है। दरअसल, ट्री मैन के नाम से मशहूर राजू मार्कोनी ने पूरे बिहार में कार्यक्रम और अभियान चलाकर पौधारोपण कराया।
विशेष तौर पर आपको बता दें कि तिलौथू प्रखंड क्षेत्र में आधा से अधिक उन्होंने अपने हाथों से छात्र-छात्राओं दोस्त मित्र के सहयोग से पौधा लगाया है। वहीं तिलौथू प्रखंड के स्कूल, कॉलेज, थाना, ब्लॉक, अस्पताल ,मंदिर-मस्जिद, मां तुतला भवानी के परिसर में अधिकतर उनका लगाए हुए पौधे दिखता हैं। पृथ्वी दिवस और विश्व पर्यावरण दिवस के दिन छात्र-छात्राओं के बीच जाकर पेड़ पौधे और पृथ्वी के प्रति छात्र-छात्राओं को जागरुक करते हैं। प्रकृति से प्रेम के कारण यह इनको ट्री मैन के नाम से जाना जाता है। कई सालों से पेड़-पौधों के बीच ही अपना जन्मदिन मनाते आ रहे हैं। अगले साल भी अपने जन्मदिन पर 500 पौधे लगाने का संकल्प लिया है। एमएससी पढ़ाई के बाद पत्रकारता मैं डिग्री हासिल कर पढ़ाई राजू मार्कोनी ने पेशे से पत्रकारिता करते हैं साथ ही माता सावित्रीबाई फूले एक लाइब्रेरी का संचालित करते हैं।
और कई शिक्षण संस्थान में जुड़कर छात्र-छात्राओं को मोटिवेट करते है। पेड़-पौधों से गहरा लगाव होने के कारण वे अपनी अपने कमाई का तकरीबन 20 फीसद हिस्सा पेड़-पौधों पर खर्च करते हैं। अब तक तकरीबन 10 हजार से अधिक पेड़-पौधे लगा चुके हैं। इसी कार्य के लिए इनको कई राज्यों में मंत्री और अधिकारियों एवं कई बड़ा संस्थाओं के द्वारा पुरस्कार भी किया गया है।