तिलौथू प्रखंड क्षेत्र में अभी भी जल संचयन संरचनाओं की पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया है, जबकि सरकार जरा व्यापक रूप में जल जीवन हरियाली अभियान चलाकर सभी अंचलों में जितने भी आहर, पोखर, पईन, तालाच या नदी तालाब की जो भी जमीन हैं जिसकी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है या फिर अतिक्रमणकारियों के कारण जिन जल संचयन संरचनाओं का अस्तित्व मिटते जा रहा है, इसकी ध्यान में रखते हुए अविलंब अतिक्रमणकारियों से आहार, पोखर, पनि, तालाच इत्यादि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए, जबकि प्रखंड में विभिन्न जगहों पर आहर, पोखर, पईन अतिक्रमणकारियों का पूरी तरह कब्जा है, तिलौयू प्रखंड के बरवाडीह में सूखा पड़ा सार्वजनिक कुंआ। की जमीन पर लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है, जिस पर अभी किसी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. प्रखंड के चितौली, रामडीहरा, चंदनपुरा, तिलौथू पश्चिमी, सेवही, भवेखरा इत्यादि पंचायत में कई जगहों पर आहर, पोखर, पनि पर लोगों द्वारा पूरी तरह कब्जा जमा लिया गया है. भदोखरा पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र दुबे ने बताया की भदवेखरा गांव में आहर व पईन की जमीन पर अधिकारियों से लिखित शिकायत भी की जा चुकी है. लेकिन, अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है हालाकि, सरकार द्वारा चलाया गया जल जीवन हरियाली अभियान के तहत ऐसे अतिक्रमणकार्रयों को चिह्नित भी किया गया है, लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई अच तक नहीं की गयी है। 130 अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध जारी किया गया है नोटिस प्रखंड में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत पोर्टल पर सुदूर संचयन संरचनाओं की संख्या कुल 132 हैं, जबकि जिला स्तर पर ऐसे स्थलों का चिह्नित किया गया था. जिलास्तर पर चिह्नित जल संचयन संरचनाओं की कुल संख्या 352 है, इसमें निरीक्षण करने के बाद चिह्नित किये गये इस प्रखंड में जल संचयन की संरचनाओं की संख्या सार्वजनिक स्थलों पर 422 हैं, जबकि निजी स्थलों पर 62 है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार तिलीबू प्रखंड में जल जीवन हरियाली जल संचयन संरचनाओं जैसे आहर, पोखर, पईन, तालाब, नदी व तालाबी की जमीन पर अतिक्रमणकारियों की संख्या कुल 130 चतायी जाती है। इनमें130 लोगों के विरुद्ध है अंचल से अतिक्रमणमुक्त करने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है. अंतिम आदेश पारित किये गये वादों की संख्या 72 है, हालांकि रिकॉर्ड के अनुसार अभी तक 130 अतिक्रमणकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नाहीं हुई है, अतिक्रमण मुक्त कराये गणे संरचनाओं की संख्या नगण्य है, हालाकि इस पर एक बार फिर से विशेष अभियान चलाने की जरूरत है, अतिक्रमणकारियों के कारण कई जगहों पर आधार पौखर पइन का आस्तित्व भी विलुप्त हो गया है, लोगों को देखने से अभी पता नहीं चलेगा कि कभी यहां पर आहर पोखर, पइन भी हुआ करता था, जबकि पूर्व में इन आहर पोखर पड़न के सहारे लोगों के खेतों की सिंचाई होती थी, लेकिन, आज यह स्थिति है की भूमाफियाओं का इस कदर कहर बरपा किइस प्रखंड में आहर पोखर पइन की जमीन पर भी पूरी तरह कब्जा जमा लिया गया है। लोगों द्वारा कब्जा ही नहीं इसके अस्तित्व को भी मिटाने का प्रयास पूरी तरह किया गया है, सरकार द्वारा चलायी जा रहे जल जीवन हरियाली अभियान को जब लागू किया गया, ती आमजनों में यह उम्मीद जगी थी कि अब अपना पारंपरिक सिंचाई के साधन किसानों को प्राप्त होंगे, लोगों को आहर पोखर पईन का जो पूर्ववत चित्र। था वह देखने को मिलेगा लेकिन फिलहाल अभी ऐसा हुआ नाहीं. इससे आमजनों और किसानों को काफी परेशानी हुई है। लोगों के सिंचाई का साधन सीमित हो गये हैं। अब लोगों की इसके लिए बोरिंग पर निर्भर रहना पड़ता है, हालांकि सरकार की इस अभियान से लोगों के अंदर आस जगी थी और लोगों में खुशी का माहौल व्याप्त था कि अब ऐसे अतिक्रमणकारियों से लोगों को राहत मिलेगी, तिलौबू प्रखंड में राज्य सर्वे द्वारा प्राप्त कुओं की संख्या कुल 1339 वह सभी अतिक्रमण मुक्त पाए गए हैं. क्या कहते हैं सीओ: सीओ हर्ष हरि का कहना है कि पूर्व के पदाधिकारी के द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान के तहत आहर पौखर नदी तालाब की जमीन पर है, जबकि अंचल स्तर पर सर्वे के अनुसार सार्वजनिक कुओं की संख्या 177 है तथा रैयती भूमि पर स्थित कुओं की संख्या 1162 हैं. इन सार्वजनिक स्थलों पर जो कुओं की संख्या 177 है अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद जाल जीवन हरियाली अभियान के तहत जल संचयन संरचनाओं की जमीन पर अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध व्यापक कार्रवाई की जायेगी। आहर, पोखर, नदी व तालाब की जमीन को पूरी तरह खाली कराया जायेगा
रोहतास: जल संचयन संरचनाओं की जमीन पर है अतिक्रमणकारियों का कब्जा
Leave a comment
Leave a comment