धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 28 अप्रैल 2024 को रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है। इस दिन विधि-विधान से सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को उत्कृष्टता मिलती है।सूर्यदेव की पूजा-अर्चना का महत्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है। सूर्यदेव को जीवन के सूर्य माना जाता है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का स्त्रोत है। उनकी पूजा करने से जीवन में ऊर्जा, सकारात्मकता, और उत्साह बढ़ता है। सूर्यदेव की पूजा-अर्चना के लिए लोग सूर्य नमस्कार, सूर्य मंत्र, और सूर्य उपासना के विभिन्न रूपों का अनुसरण करते हैं। इस दिन ध्यान, प्रार्थना, और ध्यान की विधियों का पालन किया जाता है, जो व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है। सूर्यदेव की पूजा-अर्चना का महत्व तब भी अधिक होता है जब यह धार्मिक और सामाजिक उत्सवों के रूप में मनाया जाता है। लोग इस दिन सूर्य दर्शन, सूर्य स्नान, और सूर्य पूजा करते हैं। सूर्यदेव की पूजा-अर्चना के लाभों में शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का समृद्धिकरण शामिल है। इसके साथ ही, यह व्यक्ति को संतुलित और सफल जीवन की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है। सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने से जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है, और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। इसलिए, लोग इस धार्मिक उत्सव को धैर्य, समर्पण, और आत्म-साक्षात्कार के लिए एक अवसर के रूप में स्वीकार करते हैं। सूर्यदेव की पूजा-अर्चना का आयोजन विभिन्न धार्मिक स्थलों पर किया जाता है, जहां लोग सूर्यदेव के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण का प्रदर्शन करते हैं। यह एक सामाजिक और धार्मिक आयोजन होता है, जिसमें लोग एक-दूसरे के साथ उत्सव मनाते हैं और धार्मिक संगीत, भजन, और प्रवचन का आनंद लेते हैं।सूर्यदेव की पूजा-अर्चना का उत्सव धार्मिक और सामाजिक एकता को बढ़ाता है और मानवीय भावनाओं को समृद्धि प्रदान करता है। इसके माध्यम से, लोग अपने आत्मा को प्रकाशित करते हैं और समस्त मानवता के हित में समर्पित होते हैं।